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बुधवार, 5 फ़रवरी 2020

भारत की समुद्री सीमाएं, खाड़ियां और चैनल्स

भारत की समुद्री सीमाएं, खाड़ियां और चैनल्स

  • किसी भी देश का अधिकार क्षेत्र केवल उसके स्थलों तक ही सीमित नहीं रहता है, बल्कि उसका अधिकार समुद्रों में भी कुछ सीमा तक रहता है |
  • द्वीपों के तट काफी कटे-छंटे अथवा टेढ़े-मेढ़े होते हैं, टेढ़े-मेढ़े तटों को मिलाने वाली रेखा को आधार रेखा कहते हैं |
  • तट और आधार रेखा के बीच जो जल होता है, उसे आंतरिक जल कहते हैं |
  • भारत हिन्द महासागर में सबसे लंबी तट रेखा वाला देश है।
  • विश्व के सभी देशों को समुद्रों में अधिकार देने के लिए अर्थात् उनकी समुद्री सीमाएं निर्धारित करने के लिए 1982 में संयुक्त राष्ट्र संघ के सदस्य देशों के बीच एक समझौता हुआ था, जिसे- UNCOLOS (United Nation Convention On the Law of Sea) कहा जाता है। UNCLOS के आधार पर भारत की समुद्री सीमा तीन प्रकार की है–
    1- प्रादेशिक समुद्री सीमा (Territorial Sea)
    2- अविच्छिन मण्डल (Contiguous Zone)
    3- अनन्य आर्थिक क्षेत्र (Exclusive Economic Zone – EEZ)
1- प्रादेशिक समुद्री सीमा (Territorial Sea) — आधार रेखा से समुद्र में 12 समुद्री मील तक प्रादेशिक समुद्री सीमा है। समुद्र में प्रादेशिक समुद्री सीमा (12 नॉटिकल मील) तक भारत का सम्पूर्ण अधिकार है।
नोट : 1 नॉटिकल मील अथवा समुद्री मील = 1.8 मील।
2- अविच्छिन मण्डल या संलग्न क्षेत्र (Contiguous Zone)–  आधार रेखा से समुद्र में 24 समुद्री मील तक अविच्छिन मण्डल सीमा है। अविच्छिन मंडल में भारत को तीन प्रकार के अधिकार दिए गए हैं–
(a) सीमा शुल्क वसूली का अधिकार
(b) साफ-सफाई का अधिकार
(c) वित्तीय अधिकार (कारोबार करने का अधिकार)
3- अनन्य आर्थिक क्षेत्र (Exclusive Economic Zone – EEZ)– आधार रेखा से 200 समुद्री मील तक भारत का अनन्य आर्थिक क्षेत्र है। अनन्य आर्थिक क्षेत्र में भारत को 3 तरह के अधिकार प्राप्त है-
(a) 200 समुद्री मील तक भारत नये द्वीपों का निर्माण कर सकता है।
(b) वैज्ञानिक परीक्षण करने का अधिकार।
(c) प्राकृतिक संसाधनों के दोहन का संपूर्ण अधिकार |
  • समुद्र में प्राकृतिक संसाधनों के प्रचुर भंडार हैं | आधार रेखा से 200 समुद्री मील तक अर्थात् अनन्य आर्थिक क्षेत्र में भारत को प्राकृतिक संसाधनों के दोहन का संपूर्ण अधिकार है। उदाहरण के लिए- मुम्बई हाई जो भारत का सबसे बड़ा तेल और प्राकृतिक गैस क्षेत्र हैं, वह मुम्बई के पास अरब सागर में छिछले समुद्र में अनन्य आर्थिक क्षेत्र में ही स्थित है।
  • यहाँ से देश के 65% तेल का उत्पादन होता है।
  • तीन तरफ से भूमि से घिरे समुद्री क्षेत्र को खाड़ी कहते हैं, जैसे- बंगाल की खाड़ी।
  • बड़ी खाड़ियों को अंग्रेजी में Bay कहते हैं, जैसे-बे ऑफ़ बंगाल |
  • संकरी-छोटी खाड़ियों को अंग्रेजी में Gulf कहते हैं, जैसे- गल्फ ऑफ़ खम्भात।
प्रवाल जीव
  • कच्छ की खाड़ी- यह गुजरात के कच्छ जिले के पास है। यह एक दलदली क्षेत्र है, सर क्रीक के दलदली क्षेत्र पर अधिकार को लेकर भारत और पाकिस्तान के मध्य विवाद है।
  • खम्भात की खाड़ी- यह गुजरात के दक्षिण में नर्मदा और ताप्ती नदियों के मुहाने पर स्थित है।
  • मन्नार की खाड़ी – यह भारत और श्रीलंका के मध्य तमिलनाडु के दक्षिण में और रामसेतु के पश्चिम में है।
  • पाक जलसन्धि – यह भारत और श्रीलंका के मध्य में स्थित है। यह बंगाल की खाड़ी को मन्नार की खाड़ी से जोड़ता है।
  • बंगाल की खाड़ी- यह भारत के पूर्वी तट पर स्थित एक बड़ी खाड़ी है। अंडमान निकोबार द्वीप समूह इसी खाड़ी में स्थित है।
  • बंगाल की खाड़ी के पूर्वी छोर पर इंडोनेशिया द्वीप समूह है, जिसे पूर्वी द्वीप समूह भी कहते हैं।

चैनल

  • दो द्वीपों के बीच मे जो संकरा समुद्री क्षेत्र होता है, उसे हम चैनल कहते हैं। चैनलों का नाम उनके अक्षांशों के नाम के आधार पर रखा गया है उदाहरण के लिए– 8º चैनल, 9º चैनल , 10º चैनल |
  • 8º चैनल – 8º चैनल मिनीकॉय द्वीप और मालदीप के बीच में स्थित है ।
  • 9º चैनल – 9º अक्षांश रेखा मिनीकॉय द्वीप और लक्षद्वीप के बीच में स्थित है ।
  • 10º चैनल – 10º अक्षांश रेखा लिटिल अंडमान और कार निकोबार द्वीपों के बीच में स्थित है।
  • कोको चैनल – यह म्यांमार के कोको द्वीप और उत्तरी अंडमान द्वीपों के बीच में स्थित है।

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